चालुक्य (543-755 ई.पू.) 20.2.1 राजनीतिक इतिहास

 चालुक्य (543-755 ई.पू.) 20.2.1 राजनीतिक इतिहास

पुलकेशिन | (543-66) चालुक्य वंश का संस्थापक, जिसने बादामी (वातापी) राजधानी के साथ एक छोटे से राज्य की स्थापना की। कीर्तिवर्मन (566-97) पुलकेशिन का पुत्र तथा उत्तराधिकारी, जिसने राज्य का युद्धों द्वारा बनवासी के कदम तथा बस्तर के नल क्षेत्र में विस्तार किया।

मंगलेश (597-606) कीर्तिवर्मन की मृत्यु के बाद उसका भाई संरक्षक

बन गया क्योंकि कोटिवर्धन पुत्र पुलकेशिन || अवयस्क था। उसने गुजरात खानदेश तथा मालवा के क्षेत्र को लूटा पुलकेशिन 11 (609-42 ) यह बादामी के चालुक्यों का महानतम राजा माना जाता है, जिसने न सिर्फ गही प्राप्त करते समय कठिनाइयों का सामना किया अपितु अपनी सैन्य तथा कूटनीतिक सफलताओं के कारण प्रसिद्धि प्राप्त की।

  • उसे अपने चाचा मंगलेश के विरुद्ध गृह युद्ध लड़ना पड़ा जिन्होंने उसे राज्य सौंपने से इन्कार कर दिया था। 
  • अपने चाचा को पराजित कर मार देने के पश्चात उसके राज्य में चारों तरफ विद्रोह होने लगा। परंतु इन विद्रोहों को दबाने में वह सफल रहा। उसने विद्रोही सामंत अप्पयिका को पराजित किया तथा गोविंद के समर्पण कर देने पर उसे क्षमा कर दिया।
  • अपने पड़ोसी, जैसे-बनवासी के कदंब, दक्षिण कनारा के अलप मैसूर के गंगा तथा उत्तरी कोंकण के मौर्य इत्यादि के ऊपर अधिकार किया। इसके अलावा लाट, मालवा तथा गुर्जरों ने भी कन्नौज के हर्षवर्धन के भय से इनके सामने समर्पण कर दिया। 
  • हर्ष के साथ उसकी मुठभेड़ हुई जिसमें उसने हर्ष के दक्षिण विजय के इरादे को विफल कर दिया। 
  • पूर्वी दक्कन दक्षिण कोसल, कलिंग, पिष्टपुद तथा रायलसीमा द्वारा समर्पण तथा उन पर विजय।
  • कांची के पल्लवों से संघर्ष-पल्लवों के विरुद्ध उसका पहला अभियान जो उस समय महेंद्रवर्मन के अधीन था. पूर्णतः सफल 1 रहा तथा उसने पल्लव राज्य के उत्तरी हिस्से पर अधिकार कर लिया परंतु पल्लवों के विरुद्ध उसका दूसरा अभियान उसके तथा उसके राज्य के लिए विनाशकारी सिद्ध हुआ। पल्लव राजा नरसिंहवर्मन । जो महेंद्रवर्मन के स्थान पर गद्दी पर बैठा था, न सिर्फ चालुक्य सेना को पीछे धकेलने में सफल रहा, अपितु उसने चालुक्य राज्य पर आक्रमण करके पुलकेशिन 11 की हत्या कर बादामी पर अधिकार कर लिया।
  • कूटनीतिक सफलता उसने फारस के राजा खुसरी 11 के पास 625 ई.पू. में एक दूत मंडल भेजा तथा खुसरो || का एक दूत चालुक्य राज्य में आया था। फारस के दूत मंडल को दिया गया सम्मान अजंता की एक गुफा में चित्रित है।
  • ह्वेनसांग की यात्रा चीनी यात्री के द्वारा दिया गया विवरण पुलकेशिन के समय की सामाजिक तथा आर्थिक जानकारी के लिए काफी उपयोगी है।

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