बेबिलोनिया की प्रशासनिक व्यवस्था बैबिलोनियन -

 बेबिलोनिया की प्रशासनिक व्यवस्था बैबिलोनियन -

 संस्कृति अपनी पूर्ववर्ती सुमेरियन संस्कृति से जिन तत्वों की दृष्टि से श्रेष्ठ है उनमें राजनीतिक एवं संवैधानिक तत्वों का उल्लेख सर्वप्रथम आवश्यक है। वैबिलोनियन बेबीलोन एक विजेता की हैसीयत से आए और बेबिलोनियन साम्राज्य हम्मूरावी की विजयों के फलस्वरूप स्थापित हुआ। अतः विजित क्षेत्र पर समुचित शासन स्थापित करना तथा राजनीतिक सत्ता को सुदृढ एवं व्यवस्थित रूप देना आवश्यक था। इसका मुख्य उद्देश्य प्रादेशिक एवं स्थानीय स्वतंत्रता को समाप्त कर शासक की शक्ति को सर्वव्यापी एवं सर्वजमीन बनाना था। इसके लिए उन्होंने अनेक प्रयास किया। सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य शासक को सर्वश्रेष्ठ पद पर सुशोभित करना था। शासक की सुरक्षा के लिए सभी प्रयत्न किए जाते थे। राजपद यद्यपि वंशानुगत था पर कभी-कभी अन्य व्यक्ति को भी मिल जाता था।

विस्तृत साम्राज्य के प्रशासन का उत्तरदायित्व अकेले शासक द्वारा संभव नहीं था। इसमें अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य थी। अधि कारियों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पद गवर्नरों का था जिनके विषय में हमारे पास सूचनाएँ हैं। गवर्नरों के अधिकृत क्षेत्र में स्थित ग्रामों में अनेक प्रकार की जातियाँ रहती थी। ग्रामीण जातियों एवं गवर्नरों के बीच मध्यस्थता के लिए सक्वाकु नामक एक अन्य पदाधिकरी रहता था।

हाजत्रु नामक एक अन्य पदाधिकारी का भी संकेत मिलता है जो छोटे-छोटे कस्बों के शासन का उत्तरादायित्व संभालता था। यह एक प्रकार से आधुनिक नगर प्रमुख के समान था। शिबुतुम नामक एक अन्य पदाधिकारी के विषय में भी सूचनाएँ मिलती हैं। गवर्नर का पद यद्यपि महत्वपूर्ण था लेकिन वह किसी निर्णय के लिए स्वतंत्र नहीं था। आज्ञा देने, न्याय करने का तथा निर्माण कार्यों के लिए उसे शासक से अनिवार्य रूप से आज्ञा लेनी पड़ती थी। इसलिए समय-समय पर प्रत्येक विषय की सूचना राजा के पास पहुँचाना गवर्नर के कर्त्तव्य, का एक प्रमुख अंग माना जाता था। शासक एवं गवर्नर के बीच संबंध बनाए रखने के लिए दूत एवं मध्यस्थ नियुक्त रहते थे। स्वयं शासक भी गर्वनर की गतिविधियों पर सावधानी से निगरानी रखता था, तथा समय-समय पर उन्हें सजग करता रहता था। उसकी सुरक्षा का भी बराबर ध्यान रखा जाता था। वे स्वयं अपने पास सैनिक रखते थे। सैनिक अधिकारियों को कृषि के लिए भूमि दी जाती थी यदि कोई • संकट उपस्थित होता था तो आकाशद्वीप जलाकर उसकी सूचना लोगों को दी जाती थी।

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