कंपनियों के विलय व अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी सरल
कानपुर। कंपनियों का विलय और अधिग्रहण अब आसानी से और कम समय में हो सकेगा। एक फरवरी को पेश किए गए बजट में इसके लिए कंपनीज एक्ट में कई परिवर्तन प्रस्तावित किए गए हैं। फास्ट ट्रैक मर्जर की व्यवस्था लागू होने से विलय और अधिग्रहण को प्रक्रिया सिर्फ 100 दिन में ही पूरा करने की योजना है। ऐसा होने से निवेश और नवाचार बढ़ेगा। निवेशकों का रुझान भी बढ़ेगा।
कंपनियों के आपसी विलय या अधिग्रहण में अभी कई-कई वर्ष लग जाते हैं। इससे कंपनियों के महत्वपूर्ण मौके हाथ से निकल जाते हैं।
कंपनी सचिव संस्थान के कानपुर चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष वैभव अग्निहोत्री के मुताबिक प्रक्रिया अब 100 दिन के अंदर पूरी करने की तैयारी है। एनसीएलटी (नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल) की कार्यवाही के समय को कम करने की भी योजना है। उनके मुताबिक बजट में कंपनियों से संबंधित एक और महत्वपूर्ण बदलाव आयकर में आया है। घाटे में जाने वाली कंपनी का विलय जिस कंपनी में होगा वह अपने लाभ को घाटा होने के वां आठ वर्ष तक समायोजित कर सकेगी। अब तक यह समयसीमा निर्धारित नहीं थी।