आतंकवाद (TERRORISM)
भारत विभिन्नता युक्त देश है। इसमें अनेक धर्मों, सप्रदायों, जातियों, प्रजातियों, भाषाओं एवं संस्कृतियों सम्बन्धित लोग निवास करते हैं। सदियों से इन विभिन्नताओं को लिए हुए लोग यहां रह रहे हैं तथा विभिन्नता में भी एकता का प्रदर्शन करते रहे हैं। संकट की घड़ियों में सारे मतभेद भुलाकर सभी ने एक दूसरे का साथ दिया है, किन्तु पिछले कुछ वर्षों में स्थितियां बदल गई हैं और लोगों में धर्म, भाषा, प्रान्त एवं सम्प्रदाय के पर परस्पर तनाव वैमनस्य और संघर्ष हुए। हैं। एक धर्म, भाषा और प्रान्त के लोग, दूसरे धर्म, भाषा और प्रान्त के लोगों के खून के प्यासे हो गए हैं तथा अपनी मांगों को मनवाने के लिए वे तोड़-फोड, लूटपाट, आगजनी, बलात्कार, हत्या और अपहरण का सहारा लेने लगे हैं। अपने तुच्छ स्वार्थों की पूर्ति के लिए देश की एकता और अखण्डता को नष्ट कर अपने लिए पृथक राज्य बनाने की बात करने लगे हैं और अपनी मांगों को मनवाने के लिए आतंक का सहारा लेने लगे हैं। दबाव, हत्या और भय के द्वारा अपनी मांगों को मनवाना ही आतंकवाद है।
आतंकवाद आज एक विश्वव्यापी समस्या बन गया है। इस विश्वव्यापी खतरे के प्रति सभी देश चिन्तित दिखाई देते हैं और आज कोई भी देश ऐसा नहीं जहां आतंकवाद न पनप रहा हो। अमरीका आतंकवाद का लक्ष्य भी है और शरणस्थली भी आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अमरीका में आधुनातन संयन्त्र एवं साधन विकसित किए गए हैं फिर भी आतंकवाद से मुक्ति नहीं मिल पाई है।
आतंकवाद प्रतिपल हमारे लिए संकट का वाहक और हमारे प्राणों का ग्राहक बना रहता है। न मालूम कब, कहां और किस पर उसकी गाज गिरे ? आतंकवाद आज परमाणु बम से भी अधिक भयावह बन गया है। आतंकवाद के आतंक ने हमारे नैतिक पक्ष को इतना दुर्बल बना दिया है कि आज हम आतंकवादी घटनाओं एवं आतंकवादियों के बारे में सीधी एवं खरी बात कहते हुए डरते हैं क्योंकि आतंकवाद का फंदा हर समय हमारे सामने झूलता रहता है। हमारे नैतिक पक्ष का क्षय रोग ग्रस्त हो जाना हमारे भविष्य के लिए खतरे की निशानी है। आतंकबाद समाज का अभिशाप है, कलंक है। आतंकवादी गतिविधियों को देखकर यह प्रश्न उठता है कि क्या सभ्यता के उच्चस्तरीय विकास का दावा करने वाला मानव अपने पाशविक स्तर से ऊपर उठा है कि नहीं और क्या सभ्यता के विकास के लिए किए गए समस्त प्रयत्न सार्थक हैं। आतंकवाद ने आज जनजीवन को कठिन बना दिया है और सम्पूर्ण वातावरण को संचास संकुल कर दिया है।" प्रस्तुत अध्याय में हम आतंकवाद का अर्थ, कारण, उपचार एवं भारत में आतंकवादी गतिविधियों का उल्लेख करेंगे।