सब मुझे मार देंगे' कहकर चार बच्चों की गर्दन काटी, खुद फंदे से लटका
शाहजहांपुर :'ऐसा लगता है कि सब मुझे मार देंगे...' अक्सर यह दोहराने वाले राजीव कुमार ने मासूमों का नृशंस-सामूहिक हत्याकांड कर डाला। उसने बुधवार रात चारों बच्चों को एक थाली में दाल-चावल खिलाकर सुलाया।
इसके बाद बांका से एक-एक कर चारों की गर्दन काट दी। इनमें पांच वर्ष का बेटा रिषभभी था। वह राजीव के सीने की ओट में लेटा था। अपनों के खून से हाथ रंगने के बाद राजीव ने पत्नी की साड़ी का फंदा बनाया और खुद भी जान दे दी। खौफनाक इरादे को अंजाम देने के लिए उसने दोपहर में ही झगड़ा कर पत्नी को मायके भगा दिया था। इसके बाद रेगमार से बांका (गंडासा) की काई छुड़ाकर धार बढ़ाता रहा था। चिकित्सकों का कहना है कि वह 'साइकोसिस' का मरीज था। यह पागलपन प्रदर्शित करता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों से डरता और मौका मिलते ही अपने से कमजोर पर प्रहार कर देता है।
मानपुर चचरी गांव के राजीव कुमार के पिता पृथ्वीराज ने बताया कि एक वर्ष पूर्व दुर्घटना में सिर में चोट से उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। वह अक्सर उग्र हो जाता था। वह कुछ समय से कहने लगा था कि 'आसमान फटता महसूस हो रहा... आग बरस रही है। ऐसा लगता है कि सब मुझे मार देंगे। 20 नवंबर 2024 को बरेली के मानसिक अस्पताल में उपचार भी आरंभ कराया। वहां के चिकित्सक ने पर्चे पर उसके दिमाग में आने वाले विचार ... सब मुझे मार देंगे' का उल्लेख भी किया था। यह गंभीर मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री जानने के बाद किया जाता है। उसके लिए दवा आती थी मगर नियमित नहीं खाता था।
बुधवार दोपहर उसने पत्नी कौशल्या उर्फ क्रांति देवी से झगड़ा कर उन्हें मायके भगा दिया। क्रांति चारों बच्चों स्मृति (13), कीर्ति (9), प्रगति (7) व रिषभ (5) को साथ ले जाना चाहती थीं मगर राजीव ने मना कर दिया। उन्होंने जाते समय बच्चों को नुकसान पहुंचाए जाने का अंदेशा जताया था। सिसकते हुए पृथ्वीराज बोले, शाम को चारों बच्चों को पड़ोस में बने अपने घर बुलाकर लिटा लिया था मगर कुछ देर बाद राजीव उन्हें टाफी दिलाने के बहाने बुलाकर ले गया। रात 12 बजे तक उसके घर के आसपास रहकर आहट लेता रहा, फिर सो गए। गुरुवार सात बजे तक राजीव के घर में चहलपहल नहीं होने पर दीवार कूदकर अंदर पहुंचे। वहां बरामदे में तीन चारपाइयों पर चारों बच्चों के लहूलुहान शव पड़े थे। राजीव अपनी पत्नी की साड़ी से बने फंदे से लटका हुआ था। पोस्टमार्टम हाउस पहुंची क्रांति ने बताया कि रात 11 बजे कीर्ति ने फोन कर कहा था कि अब सोने जा रहे है।