झूलता हुआ बाग की पूरी जानकारी...
कैल्डियन सम्राटों में नेबोपोलस्सर नेबूशद्रेज्जर तथा नबोनिडस निर्माण-कार्य में विशेष रूचि रखते थे । नेबोपोलस्सर ने एक राजप्रासाद का निर्माण कराया और बैबिलॉन के पुननिर्माण की योजना बनाई। उसके पुत्र नेबुशद्रेज्जर ने जो अपने वंश का ही नहीं वरन् समस्त पश्चिमी एशिया का सबसे महान् निर्माता था, राजप्रासाद को पूर्ण कराया और नगर के नव-निर्माण की योजना को कार्यन्वित किया ।
उसने बैबिलोन की सुरक्षा के लिए पुरानी आन्तरिक प्राचीर को पूरा कराया और एक नवीन बाह्य प्राचीर का भी निर्माण कराया। इन दोनों प्राचीरों के अतिरिक्त उसने बहुत-सी दीवारें और खाइयाँ बनवाई जिससे नगर पूरी तरह सुरक्षित रहे । उसने कितने ही नवीन भवन और मार्ग भी बनवाये जिसके कारण बैबिलोन तत्कालीन विश्व का सुन्दरतम नगर बन गया । फरात नदी उस समय बैबिलोन के बीच से बहती थी। उसने दोनों तटों को मिलाने के लिए नेबुट्रेज्जर ने एक पुल बनवाया जिसके अवशेष उत्खनन में प्राप्त हुए हैं। उसके द्वारा बनवायें हुए मार्गों में दुर्ग से मर्दुक के मन्दिर ए-सागिल को जाने वाला मार्ग जो एबुर-शबु अर्थात् "विजय मार्ग" कहलाता था, उल्लेखनीय है। यह मार्ग ईश्वर-द्वार से गुजरता था, जिसमें पॉलिशदार बहुरंगी ईटों से रिलीफ में मूर्तियां बनी हुई थी। ईश्वर-द्वार के पीछे नेबूशट्रज्जर का राजप्रसाद और राजकार्यालय थे । इस द्वार के पास ही वह विशाल जिगुरत था जो इतिहास में बैबिलोन की मीनार के नाम से प्रसिद्ध है। राजप्रासाद के समीप सुप्रसिद्ध झूलते बाग थे, जिनकी यूनानी विश्व के सात आश्चर्यों में गणना करते थे। ये नेबुशट्रेज्जर की मीडियन रानी (उवक्षत्र की पुत्री) के लिए बनवाए गए थे, जो बैबिलोन की गर्मी सहन नहीं कर पाती थी। ये उपवन स्तम्भों पर टिके हुए थे । इनमें फरात नदी का पानी ऊपर चढ़ाने वाले यन्त्र लगे थे जिनको राजकीय दास चलाते रहते थे ।