पंचायती राज विभाग के 86 कर्मचारी मानदेय के लिए दर दर भटक रहे कोई नही ले रहा सुध
कर्मचारियों के पाल्यो का नहीं हो रहा सही तरीके से शिक्षा दीक्षा
गोरखपुर। पंचायती राज विभाग में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों का 4 महीनों से नहीं मिल रहा मानदेय कर्मचारी व उनके परिवार के सदस्य खाने-पीने के लिए दर-दर भटक रहे कर्मचारीगण अपने पल्यो के जीवकोपार्जन की व्यवस्था नहीं कर पा रहे प्रदेश सरकार कर्मचारियों की नही सुध ले रही गोरखपुर जनपद व विकास खंडों में कुल 86 कर्मचारी पंचायती राज विभाग के अधीनस्थ अपनी सेवा दे रहे हैं इन कर्मचारियों का मानदेय बजट के अभाव में सृजित नहीं किया जा रहा वित्तीय वर्ष 2022 23 में 40 लाख रुपए मात्र दिया जा चुका है संविदा कर्मचारियों द्वारा राज्य के नोडल अधिकारी से अपनी मानदेय के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं जनपद की कुल ग्राम पंचायतों को आवंटित धनराशि का 1% धनराशि से ग्राम पंचायतों द्वारा राज्य को भुगतान किए जाने के पश्चात इनका मानदेय भुगतान किया जाता है। पंचायती राज विभाग प्रदेश की महत्वपूर्ण विभागों में से एक है लेकिन सरकार द्वारा बजट के अभाव में मानदेय देने के लिए अभी तक सृजन नहीं किया गया है जिससे 86 कर्मचारियों के परिवारों व बच्चों की पढ़ाई लिखाई जैसी महत्वपूर्ण मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है प्रदेश सरकार के जिम्मेदारों को चाहिए कि पंचायती राज विभाग में मानदेय पर रखे गए कर्मचारियों के बच्चों को ध्यान में रखते हुए इनका मानदेय जल्द से जल्द भुगतान करें जिससे कर्मचारियों के बच्चों का लालन-पालन सही तरीके से हो सके।