मरीजों के लिए भगवान है समाजसेवी अनिल त्रिपाठी

 मरीजों के लिए भगवान है समाजसेवी अनिल त्रिपाठी

बस्ती। इस व्यस्तम जिंदगी में जहां अपने अपनों के काम नहीं आते वही एक ऐसा शख्स जो हजारों लोगों की मदद कर चुका है। जिसे दूसरे की मदद करने का जुनून है और निस्वार्थ भावना से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सहारा देने के लिए एक कॉल या मैसेज पर पहुंचने वाले हम उस शख्स की बात करते हैं जो करीब 5 वर्षों से लगातार मरीजों की सेवा में जुटे हैं अपने सहयोग के बूते इस शख्स ने करीब ढाई हजार से ज्यादा लोगों के इलाज करवाया।


हम बात करते हैं बस्ती जिले के संसारीपुर चौराहे के निकट ठूठवा गांव के 36 वर्षीय युवा समाजसेवी अनिल त्रिपाठी की जो मरीजों की सेवा का जज्बा मन में लेकर लखनऊ जैसे बड़े शहर में एसजीपीजीआई, केजीएमसी, केजीएमयू मेदांता, विवेकानंद सहित अन्य बड़े अस्पतालों मरीजों का जांच और इलाज करवाने की मुहिम लेकर चल रहे हैं।


गंभीर बीमारियों से ग्रसित निराश्रित और असहाय लोगों की मदद में सदैव खड़े रहने वाले अनिल त्रिपाठी ने कहा कि एक ग्रुप के माध्यम से मनोरमा चैरिटेबल ट्रस्ट में लोगों को जोड़कर रखा है, उसमें किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी सेवा की आवश्यकता पड़ती है तो हर संभव मदद किया जाता है। कई बार खुद अपने खर्च से समाजसेवी ने कई मरीजों के इलाज कराएं।

महीने के तीस दिन वह बीस दिन से ज्यादा वक्त लखनऊ अस्पतालों में दूसरे की मदद में खर्च करते हैं।

पारिवारिक दृष्टिकोण पर अगर हम नजर डालें तो उनकी पत्नी शिक्षा विभाग में अनुदेशक है, जिनके मानदेय के भरोसे बच्चों की पढ़ाई लिखाई का काम चलता है, बड़े भाई ठेकेदार है,जरूरत पड़ने पर कुछ आर्थिक मदद करते रहते हैं।

उनके पिता बलराम त्रिपाठी का कहना है कि अनिल बचपन से ही समाजसेवी की भावना मन में रखते हुए अनिल लोगों का सहयोग करते रहते हैं,ठंड,गर्मी, बरसात के दिनों में न दिन न रात न देखते हुए गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज लखनऊ के प्रसिद्ध अस्पतालों में कराते रहते हैं।

सुबह घर से निकलना और देर रात तक घर वापस आना, दूसरों के लिए जीने का जज्बा लेकर चलने वाले अनिल त्रिपाठी मनोरमा चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम से एक ग्रुप का संचालन करते हैं जिसके माध्यम से लोगों की मदद के लिए सदैव तैयार रहते हैं।

2018 से अभी तक करीब ढाई हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज लखनऊ के नामी अस्पतालों में करा चुके हैं।

हर संभव मदद के बाद मरीज और उनके तीमारदार उनकी सराहना करते दिखाई देते हैं। अनिल कहते हैं कि आज भीड़ भाड़ की जिंदगी में किसी दूसरे के लिए थोड़ा सा भी वक्त निकाल देना बड़ी बात होती है अपना धर्म समझते हुए यह कार्य करता हूं।

समाजसेवी और धर्मार्थी अनिल कुमार त्रिपाठी लगातार दूसरे की मदद करते हैं।इस कार्य से जिले में लोग इनका काफी सम्मान करते हैं।

इन्होंने मनोरमा चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से लोगों की मदद का बीड़ा उठाया है।

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